- Mera zikar na kerna...
- Kabhi ansu, khushbu, naghma banker
- Meri zindagi ki kitab ka
- Jo na Mil Sake Wohi Bewafa
- आँख से सपने चुराने आ गए | ग़ज़ल
- हमने कोशिश करके देखी | ग़ज़ल
- दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे !
- ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही
- लबो पर उसके कभी बददुआ नहीं होती
- बुलंदी देर तक किस शख्श के हिस्से में रहती है
- जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
- इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ
- सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे
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इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ मैं अकेला ही ज़माने के लिये काफी हूँ हर हकीकत ...
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बुलंदी देर तक किस शख्श के हिस्से में रहती है बुलंदी देर तक किस शख्श के हिस्से में रहती है बहुत ऊँची इमारत हर घडी खतरे में रहती है...
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जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है रोज़ मैं अपने लहू ...
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Mujhay apne zabt pe naaz tha,sar-e-bazm raat yeh kia huwa Meri ankh kaise chalak gai, mujhay gham hay yeh bura hua Meri zindagi ke chera...
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मुनव्वर राना कि 'माँ' पर शायरी ('Maa' Shayari By Munawwar Rana) ***** मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू...
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Zindagi Ke Har Lamhe Ko Jeelo Jee Bhar Ke Kya Pata Kal ko Ho Kisne Jaana…… Hum Hain Aaj Yahan Par Kal Ho Na Ho Kisne Jaana……. Tera M...
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ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही जज़्बात में वो पहले-सी शिद्दत नहीं रही सर में वो इंतज़...
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सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे कोई बताये के मैं ...
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Dukh dard ke maaron se mera zikar na kerna... Ghar jao to yaaron se mera zikar na kerna... Woh zabt na ker payenge aankhon ke samandar.....
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दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे ! दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे ! पास पहुचे तो सारे खेत ब॑जर थे !! हम उनके पास स...
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